उत्तर प्रदेश सरकार  |  Government of Uttar Pradesh

जैव ऊर्जा कार्यक्रम की छवि

कालान्तर में उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग के गठन के पश्चात आयोग द्वारा वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोमों की विद्युत परियोजनाओं‚ जिनमें चीनी मिलों में को–जनरेशन की परियोजनाएं भी सम्मिलित हैं‚ की स्थापना हेतु दिशा निर्देश‚ टैरिफ एवं अन्य शर्तों के निर्धारण के साथ साथ पावर कार्पोरेशन के साथ होने वाले पीपीए हेतु मॉडल पीपीए का निर्धारण किया गया है। प्रदेश की चीनी मिलों में इस तरह की परियाजनायें स्थज्ञिापित करने में अत्यधिक रूचि ली गई है।

यह परियोजना उन उधोगों में लगायी जाती है जहाँ थर्मल ऊर्जा (प्रोसेस स्टीम) तथा विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है यथा पल्प एवं पेपर मिल्स आदि की थर्मल एवं इलेक्ट्रिकल ऊर्जा की माँग को पूरा कर सकते हैं। विभिन्न पेपर मिलों में नान–बगास बेस् को–जेनरेश्न पावर प्रोजेक्ट की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्ष 2013–14 के अन्त तक विभिन्न उधोगों में मुख्यतः पेपर मिलों में नान बगास बायोमास बेस्ड को-जनरेशन पावर प्रोजेक्टृस की स्थापना से 201-10 मेगावाट क्षमता सृजित की गयी है।

बायो ऊर्जा

राष्ट्रीय बायोगैस उर्वरक प्रबन्धन कार्यक्रम (एन.बी.एम.एम.पी.)

इस योजना के अन्तर्गत मंत्रालय से स्वीकृत डिजाइन एवं ड्राइंग के अनुसार जैसे दीनबन्धु, केवीआईसी अथवा अनुमन्य प्रीफैब्रीकेटेड बायोगैस संयत्रों की स्थापना घरेलू ईधन की पूर्ति, प्रकाश व्यवस्था तथा जैविक उर्वरक उत्पादन हेतु 2 से 6 घनमी. क्षमता के फैमिली साईज बायोगैस संयत्रों का निर्माण इण्टर प्रोन्योर मोड में यूपीनेडा द्वारा ग्राम्य विकास विभाग एवं केवीआईसी के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2010-11 से कराया जा रहा है। सामान्य जाति के लाभार्थीयों हेतु केन्द्राॅंश के रूप में रू.9000/- तथा अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को रू.11,000/- का अनुदान दिया जा रहा है अवशेष लागत लाभार्थी द्वारा वहन की जाती है। 2 घनमीटर क्षमता के बायोगैस संयत्र की लागत लगभग रू.22,000/- प्रति संयत्र होती है तथा संयत्र से 5 व्यक्तियों के दोनों वख्त का खाना बनाने एवं 1 लैम्प 4 से 5 घंटे प्रतिदिन जलाया जा सकता है तथा 6 टन उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद प्रतिवर्ष प्राप्त होगी इस संयत्र से प्रतिवर्ष लगभग 18 एलपीजी सिलेण्डरों के समतुल्य ऊर्जा प्राप्त होगी।

नीति एवं शासनादेश
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