प्रदेश के विकास के साथ–साथ ऊर्जा की माँग में अनवरत बढ़ोत्तरी हो रही है। ऊर्जा के
परम्परागत स्त्रोत सीमित होने तथा उनके दोहन से पर्यावरणीय प्रदूषण बढ़ने के दृष्टिगत
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने तथा इसके
प्रचार–प्रसार को उच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। ऊर्जा की मुख्यधारा में महत्वपूर्ण
सहभागिता करने के लिये अब आगे नयी और वृहत्तर सम्भावनायें स्पष्ट दिखाई दे रही है।
बायोमास एवं लघु जल–विद्युत के साथ – साथ अब सौर ऊर्जा पर आधारित मेगावाट क्षमता की बड़ी
परियोजनाओं की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है। प्रदेश में ग्रिड – संयोजित
सोलर पावर जनरेशन’ तथा रूफटॉप पावन जनरेशन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। निःसन्देह
अब हम उस लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं जिसकी परिकल्पना इस अभिकरण के गठन के समय की गयी
थी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग के अधीन अप्रैल 1983 में वैकल्पिक
ऊर्जा विकास संस्थान का गठन एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में किया गया। इस संस्था
का नाम अब उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) कर दिया गया
है। प्रारम्भ से यह अभिकरण प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये स्टेट
नोडल एजेन्सी के रूप में भी कार्य कर रहा है।
प्रदेश में उपलब्ध अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों यथा–सौर ऊर्जा’ लघु जल विद्युत एवं बायोमास
पर आधारित विद्युत उत्पादन की क्षमता के विकास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। सौर ऊर्जा
से विद्युत उत्पादन के लिये विभिन्न क्षमताओं के सोलर पावन प्लाण्ट्स स्थापित किये जा
रहे हैं। प्रदेश की चीनी मिलों में को–जनरेशन तथा धान की भूसी आदि बायोमास पर आधारित
विद्युत उत्पादन परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त निजी उधमियों
के सहयोग से लघु जल विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कराया जा रहा है।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग की व्यापक सम्भावनाअें के दृष्टिगत
विशेष योजनाऍ लागू की जा रही हैं। अविद्युतीकृत अथवा विद्युत आपूर्ति की समस्या से ग्रस्त
ग्रामों में रिमोट ग्राम विद्युतीकरण अथवा मिनी–ग्रिड सोलर पावर प्लान्ट की योजनायें
ली जा रही हैं। चयनित ग्रामों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीय
लाईट संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। लोहिया आवास योजना के अंतर्गत लोहिया आवासों
में सोलर पावन पैक की व्यवस्था की जा रही हैं कृषि के क्षेत्र में प्रदेश के तराई एवं
पूर्वान्चल क्षेत्रों में लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई हेतु अनुदान पर सोलर पम्प
स्थापित कर लाभान्वित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक विद्यालयों
में पढ़ने वाले बच्चों को स्वच्छ पेय जल की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के साथ – साथ
कक्षाओं में पंखों की व्यवस्था हेतु सोलर पावन प्लाण्ट की स्थापना की योजना क्रियान्वित
की जा रही है। गरीब ग्रामीण परिवारों को सब्सिडाइज्ड सोलर पैक की व्यवस्था से लाभान्वित
कियेज जाने की योजना तथा ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक 8 स्थलों पर सोलर स्ट्रीट लाईट
की व्यवस्था की योजना प्रस्तावित है।
नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतो पर आधारित संयंत्रों ⁄ परियोजनाओं की स्थापना‚ संचालन‚ अनुरक्षण
एवं सर्विसिंग के विषय में दक्षता के विकास हेतु लखनऊ तथा मऊ में प्रशिक्षण केन्द्र
स्थापित हैं। अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की सर्विसिंग ⁄ मरम्मत हेतु प्रशिक्षण की बढ़ती
हुयी आवश्यकता के दृष्टिगत जनपद कन्नौज में एक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जा
रही है।