अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण

संस्था एवं समाज के नियमों का ज्ञापन

समाज का नाम :


" गैर-परंपरागत ऊर्जा विकास एजेंसी, यू०पी०"


समाज का पता :


समाज के पंजीकृत कार्यालय के पते के गैर परंपरागत ऊर्जा विकास एजेंसी है । यू पी बी 46, महानगर एक्सटेंशन, लखनऊ। डाक घर - लखनऊ, जिला - लखनऊ- 226 006


समाज का विस्तार क्षेत्र :


समाज का मुख्यालय लखनऊ में स्थित हो जाएगा। समाज के आपरेशन के क्षेत्र में सामान्य रूप से उत्तर प्रदेश के राज्य हो जाएगा , लेकिन यह अपनी वस्तुओं की खोज में सहयोग और सहयोग के लिए भारत के संघ के राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों के लिए बढ़ा सकता है।


संस्था के उद्देश्य :

  • उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एजेंसी के रूप में कार्य करना, यह संस्था (एजेंसी) राज्य में संचालित योजनाओं और देश के अन्य हिस्सों में तथा अन्य स्थानो पर राज्य की जनता को लाभ पहुँचाने के लिए गैर परंपरागत ऊर्जा प्रतिफलों का दोहन करने के लिए हर संभव प्रयास करने के सम्बन्ध में कार्य करना।
  • माइक्रो हाइडिल सहित सौर ऊर्जा, जैविक ऊर्जा, पवन ऊर्जा तथा ऊर्जा के अन्य नवीकरणीय स्रोतों के दोहन से राज्य की अनुपूरक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से लागू परियोजनाओं को प्रतिपादित करना।
  • ऊर्जा की प्रतिस्थापना से सम्बंधित परियोजनाओं की पहचान करना, प्रतिपादित करना तथा कार्यान्वयन करना।
  • प्रायोजित करना, समन्वयन करना अथवा अनुसंधान कार्यक्रमों अथवा वैकल्पिक ऊर्जा के नए स्रोतों के क्षेत्र में प्रोटोटाइप के विकास, प्रायोगिक संयंत्र की जांच से जुड़ी विकासात्मक प्रकृति की परियोजनाओं को बढ़ावा देना।
  • लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने तथा गैर-पारंपरागत ऊर्जा प्रणालियों की उपयोगिता पहलू को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के क्षेत्र में प्रदर्शन कार्यक्रम क्रियान्वित करना।
  • अक्षय ऊर्जा प्रणालियों के प्रारूप का मानकीकरण करना तथा परामर्श सेवाएं प्रदान करना और उपयोगकर्ताओं तथा विभिन्न प्रणालियों एवं ऊर्जा तथा ऊर्जा संरक्षण के नवीकरणीय स्रोतों के उपकरणों के प्रवर्तकों और निर्माताओं को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराना।
  • जैसा आवश्यक पाया जाये सब्सिडी, विपणन, प्रचार और इसी तरह के अन्य सहायता की पेशकश के द्वारा ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों से संबंधित उपकरणों की बिक्री को बढ़ावा देना।
  • देश और/ अथवा अन्य देशों के वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के क्षेत्र में अन्य अभिकरणों के साथ संबंध स्थापित करना।
  • यदि आवश्यक हो तो भारत तथा अन्य देशों में इसी तरह की अन्य संस्थाओं, संगठनों अथवा निकायों के साथ सहयोग तथा सम्बद्धता स्थापित करना।
  • वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों के विषय में इस तरह के संबंधित सभी मामलों पर राज्य में तथा किसी अन्य स्थान पर राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों और अन्य स्थानीय निकायों तथा अर्द्ध सरकारी अभिकरणों को सलाह देना, जैसा इसके लिए समय-समय भेजा जाये, तथा अपने दम पर अथवा सहयोग से राष्ट्रीय अथवा अंतरराष्ट्रीय अभिकरणों के साथ कुछ अन्य व्यवस्था के माध्यम से अनुसंधान, अनुप्रयोग, विस्तार तथा ऊर्जा संसाधनों के विकास के कार्यक्रम का उत्तरदायित्व लेना |
  • ऊर्जा उत्पादन, वितरण तथा उपयोग के पर्यावरणीय प्रभाव के अध्ययन का दायित्व लेना अथवा प्रायोजित करना।
  • ऊर्जा के अतिरिक्त और नवीकरणीय स्रोतों के संबंध में तकनीकी-आर्थिक एवं सामाजिक-आर्थिक व्यवहार्यता के अध्ययन अथवा लागत लाभ विश्लेषण को प्रायोजित करना या जिम्मेदारी लेना।
  • राज्य में वैकल्पिक ऊर्जा विकास कार्यक्रम के विस्तार के लिए कार्यक्रमों, प्रारूपों तथा परियोजनाओं को तैयार करने के लिए, तकनीकी, वित्तीय या अन्य सहायता प्रदान करना।
  • उत्पादन के स्रोत पर, वितरण और /अथवा उपभोग की स्थिति पर ऊर्जा संरक्षण के अवसर सहित एक व्यापक आधार वाले ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम तैयार करना और कार्यान्वयन करना।
  • लोगों के बीच उनके जीवन एवं पर्यावरण के एक अंग रूप में ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग की अवधारणा को बढ़ावा के लिए विशेष कदम उठाना।
  • वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों तथा इस तरह के अन्य व्यक्तियों की सलाह तथा मदद लेना जिन्होंने गैर-परंपरागत ऊर्जा के संवर्धन और विकास के लिए, गैर-परंपरागत ऊर्जा प्रणालियों के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल किया है।
  • ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में पेटेंट साहित्य, वर्तमान स्थिति प्रतिवेदन आदि सहित प्रलेखन, सेवा, रखरखाव और डेटा की आपूर्ति केन्द्रों को विकसित करना और प्रोत्साहित करना तथा ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर अंतिम नतीजे प्रकाशित करना।
  • उपहार, खरीद, मुद्रा, पट्टा किराया या अन्यथा किसी भी चल अथवा अचल संपत्ति द्वारा अधिग्रहण करना तथा जैसा भी संस्थान के सम्पादन के लिए आवश्यक अथवा सुविधाजनक हो, भवन कार्यों और संरचनाओं का निर्माण, सुधार, परिवर्तन, ध्वस्त अथवा मरम्मत करना।
  • उपरोक्त सभी अथवा किन्ही भी विषय वस्तुओं की आवश्यकताओं को पूरा करने की दृष्टि से सरकारी, अर्ध सरकारी अथवा निजी संस्थानों, व्यक्तियों या किन्ही भी अन्य स्रोतों से दान, अनुदान, योगदान या वित्तीय सहायता स्वीकार करना |
  • जैसा भी कार्यकारी समिति द्वारा निर्णय लिया जाये, किसी भी अन्य निकाय अथवा व्यक्तियों के साथ सहयोग करना।
  • उपरोक्त विषयों की प्राप्ति के लिए, जैसा भी प्रासंगिक अथवा अनुकूल हो, इस प्रकार के सभी अथवा अन्य कार्यों को करना |
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