1. सौर ऊर्जा नीति
प्रदेश मे बढ़ती हुई ऊर्जा की पूर्ति विभिन्न स्त्रोतों से करने के लिए प्रदेश सरकार
कृत संकल्प है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 23 जनवरी‚ 2013 को आहूत
कैबिनेट बैठक में सौर ऊर्जानीति 2013 अनुमोदित की गई‚ जो प्रदेश के चहुंमुखी विकास
के लिए प्रगतिशील कदम हैं। सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाली सौर ऊर्जा
विद्युत परियोजनाओं से जहॉ एक ओर प्रदेश के निजी निवेश में बढोत्तरी होगी वहीं दूसरी
ओर बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध बंजर एवं अकृषिक भूमि का उत्पादक उपयोग हो
सकेगा तथा कौशल वृद्धि एवं रोजगार के अवसर भी सृजित हो सकेंगें। यह नीति मार्च 2017
तक प्रभावी रहेगी तथा इस अवधि में 500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनायें स्थापित की
जानी लक्षित हैं। सौर परियोजनायें जो स्थापित की जायेंगी उनकी स्थापना पर राज्य सरकार
द्वारा विशेष प्रोत्साहन उपलबध कराये जायेंगें जैसे कि कुल स्थापित 500 मेगावाट क्षमता
की विद्युत परियोजनाओं जिनके द्वारा यूपीपीसीएल के साथ 12 वर्ष हेतु जिस विद्युत
पर पीपीए निष्पादित किया जायेगा। उसकी धनराशि का भुगतान हेतु सम्बन्धित डिस्काम को
राज्य सरकार से जीबीआई के रूप में धनराशि वहन किया जायेगा।
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2. बायोएनेर्जी नीति
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम 2018 लागू किया गया है। कार्यक्रम के अन्तर्गत जैव ऊर्जा उद्यमों को पूंजीगत उपादान, राज्य जीएसटी की 10 वर्षों तक शत्-प्रतिशत प्रतिपूर्ति तथा इन उद्यमों की स्थापना हेतु भूमि क्रय पर स्टाम्प ड्यूटी में शत्-प्रतिशत छूट की सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी थी। उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत अब तक विभिन्न जैव ऊर्जा उत्पादों व तकनीकों से संबधित 14 परियोजनाओं को स्वीकृति पत्र निर्गत किये गये हैं।
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3. मिनी ग्रिड पॉलिसी उत्तर प्रदेश-2016
बिजली और इसकी आसान उपलब्धता विकास की एक स्थापित बेंचमार्क और समृद्धि के लिए एक आवश्यक
शर्त है । शक्ति के पर्याप्त एवं विश्वसनीय स्रोत के बिना कोई बड़ी आर्थिक गतिविधि
कायम नहीं हो सकती
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