अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण

रिमोट ग्राम विद्युतीकरण कार्यक्रम

प्रदेश के ऐसे ग्रामों/मजरों, जिनकासामान्य विद्युत ग्रिड से विद्युतीकरण असाध्य हैं एवं जो उ0प्र0 पावर कारपोरेशन द्वारा विद्युतीकृृत नहीं किये जाते हैं को सौर ऊर्जा से प्रकाश की सुविधा (सोलर होम लाईट एवं सोलर स्ट्रीट लाईट) उपलब्ध कराने हेतु नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार से संचालित रिमोट ग्राम विद्युतीकरण योजना में क्रियान्वयन किया जा रहा है।इस योजना में एम.एन.आर.ई, भारत सरकार द्वारा अधिकतम 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है, अवशेष धनराशि राज्य अंशदान तथा लाभार्थी अंशदान से वहन की जानी है।वित्तीय वर्ष 2014-15 तक यूपीनेडा द्वारा विभिन्न जनपदों के 113 ग्रामों एवं 276 मजरों में सोलर घरेलू प्रकाश संयंत्र तथा सौर पथ प्रकाश संयंत्रों की स्थापना कराई गई है|


प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में आर.ओ.वाटरसंयंत्र की सुविधाः-

प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु गतवर्ष से अभिकरण द्वारा सोलरआर.ओ. वाटरप्लाण्ट की परियोजना चलाई जारही है । इस परियोजना के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालयों पर 1.1किलोवाट के सोलर पावर प्लाण्ट स्थापित कराकर उससे 05 पंखे, 01 डी.सी. सबमर्सिबलपम्प तथा 01 आर.ओ. वाटरसंयंत्र 50 लीटर प्रतिघंटा संचालित कराया जाता है।एक संयंत्र की अनुमानित लागत- 2,70,000/-है।संयंत्र की स्थापना 05 वर्ष की वारन्टी, रखरखाव के साथ की जातीहै।परियोजना के प्रथमचरण वर्ष 2014-15 में पायलट परियोजना के रुप में प्रदेश के 05 जनपदों-गोरखपुर,लखनऊ, गाजियाबाद, कन्नौज एवं इटावा में क्रियान्वित किया गया है।

वर्ष 2015-16 में प्रदेश के 10 जनपदों हमीरपुर, महोबा, चित्रकुट, बांदा, झांसी, ललितपुर, जालौन, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं औरैया में संयंत्रों की स्थापना करायी जायेगी।


ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिये सोलर पावर पैक की स्थापनाः-

प्रदेश में लगभग 3.29 करोड़ परिवार निवास करते हैं, उनमें अभी भी लगभग 1.9 करोड़ घरों जो ग्रामीण क्षेत्रों में है, में विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण यह लोगरात्रि प्रकाश हेतु कैरोसिन तेल का प्रयोग करते हैं । इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतआपूर्ति नियमित नहीं होने के कारण वहां सायंकाल की गतिविधियां जिसमें विशेष रूप से बच्चों की शिक्षा तथा आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की आवश्यकता मुख्य रूप से प्रकाश, मनोरंजन तथा पंखे हेतु है जिसकों सोलर पीवी संयंत्रों के माध्यम से विकेन्द्रीकृृत रूप में सुगमतापूर्वक पूरा किया जा सकता है । वर्तमान मे प्रदेश के गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा तथा आर्थिक गतिविधियां विद्युत के अभाव में प्रभावित न हों को दृृष्टिगत रखते हुये उन्हे सोलर पावर पैक सुविधा उपलब्ध करायी जानी है।इस योजना में निम्नानुसार सोलर पावर पैक की स्थापना की जायेगीः-


  • सोलर पीवी पैनल- 120 वाट
  • बैटरी- 12 वोल्ट 120 एम्पीयर घंटा ट्यूब्लर प्लेट
  • एल.ई.डी. लाईट- 05 वाट की दो तथा 07 वाट की एक
  • सीलिंग पंखा- 25 वाट की डी.सी.
  • अतिरिक्त प्वाइंन्ट- मोबाईल चार्जिंग हेतु।

वर्ष 2015-16 में इस योजना के अन्र्तगत प्रदेश के वर्ष 2014-15 में चयनित 1000 जनेश्वरमिश्रा ग्राम के चयनित लगभग 11250 घरों को सोलर पावर पैक से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्तावित है।एक संयत्र कि अनुमानित लागत रू 30000/- है।