उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण
निर्वाध विद्युत आपूर्ति हेतु प्रायः निजी ⁄ सरकारी भवनों‚ औधोगिक प्रतिष्ठानों एवं वाणिज्य प्रतिष्ठान भवनों से डी़०जी०सेट का उपयोग किया जाता है। यह डी०जी०सेट किलोवाट क्षमता से लेकर मेगावाट क्षमता के होते है। ऐसे भवनों की छतों पर रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टाइक पावर प्लान्ट्स की स्थापना कराये जाने की दशा में इन सयंत्रों से उत्पादित ऊर्जा का उपयोग बिल्डिंग में उपभोक्ताओं द्वारा किया जा सकता है तथा सरप्लस ऊर्जा होने कि दशा में उक्त को ग्रिड में इंजेक्ट किया जा सकता है।
ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पीवी पावर प्लाण्ट से नेट मीटरिंग के आधार पर कार्य कर सकते है। उपभोक्ताओं द्वारा डिस्कॉम को नेट मीटर रीडिंग के अनुसार भुगतान किया जा सकता है।
प्रदेश की प्रख्यापित सौर ऊर्जा नीति 2013 में सोलर फार्म (पार्क) स्थापित किये जाने का प्राविधान है। सौर ऊर्जा नीति में उपलब्ध उपर्युक्त प्राविधान के अन्तर्गत प्रदेश में सोलर फार्म (पार्क) जहां कई ग्रिड संयाजित सौर ऊर्जा पर आधारित विभिन्न क्षमता के विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना हो सके‚ विद्युत निकासी की अवस्थापना व्यवस्था के साथ विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
भारत सरकार की सोलर पार्क योजनार्न्तगत प्रदेश में 600 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसति किया जयेगा। कुल 600 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क की स्थापना जनपद जालौन‚ एटा‚ मिर्जापुर‚ इलाहाबाद एवं झांसी में की जायेगी। सोलर पार्क का विकास एवं प्रबन्धन राजय नामित एजेन्सी जोकि यूपीनेडा है व भारत सरकार के नामित नोडल एजेन्सी सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इण्डिया (सेकी) के संयुक्त उपक्रम के द्वारा किया जायेगा। अधिक जानकारी...