कालान्तर में उ०प्र० विद्युत नियामक आयोग के गठन के पश्चात आयोग द्वारा वैकल्पिक ऊर्जा
स्त्रोमों की विद्युत परियोजनाओं‚ जिनमें चीनी मिलों में को–जनरेशन की परियोजनाएं भी
सम्मिलित हैं‚ की स्थापना हेतु दिशा निर्देश‚ टैरिफ एवं अन्य शर्तों के निर्धारण के
साथ साथ पावर कार्पोरेशन के साथ होने वाले पीपीए हेतु मॉडल पीपीए का निर्धारण किया
गया है। प्रदेश की चीनी मिलों में इस तरह की परियाजनायें स्थापित करने में अत्यधिक
रूचि ली गई है। वित्तीय वर्ष 2013–14 के अन्त तक प्रदेश की 65 निजी चीनी मिलों द्वारा
लगभग 1142-16 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की गयी है।
प्रदेश की चीनी मिलों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध खोई (बगास) से को–जनरेशन (सह–उत्पादन)
द्वारा 1500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन की सम्भावनाएं हैं। उ०प्र० की विभिन्न
चीनी मिलों में उपलब्ध बगास से सह–उत्पादन से विद्युत उत्पादन की परियोजनायें स्थापित
कराने हेतु वर्ष 1994 में यूपीनेडा द्वारा एक उत्प्रेरक ⁄ फैसीलिटेटर के रूप में प्रयास
आरम्भ किये गये। प्रदेश शासन द्वारा इन परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने
के लिए वर्ष 1994 में एक नीति निर्धारित की गयी।